भारत का संक्षिप्त इतिहास 563 : गौतम बुद्ध का जन्म 540 : महावीर का जन्म 327-326 : भारत पर एलेक्जेंडर का हमला। इसने भारत और यूरोप के बीच एक भू-मार्ग खोल दिया 313 : जैन परंपरा के अनुसार चंद्रगुप्त का राज्याभिषेक 305 : चंद्रगुप्त मौर्य के हाथों सेल्युकस की पराजय 273-232 : अशोक का शासन 261 : कलिंग की विजय 145-101 : एलारा का क्षेत्र, श्रीलंका के चोल राजा 58 : विक्रम संवत् का आरम्भ 78 : शक संवत् का आरम्भ 120 : कनिष्क का राज्याभिषेक 320 : गुप्त युग का आरम्भ, भारत का स्वर्णिम काल 380 : विक्रमादित्य का राज्याभिषेक 405-411 : चीनी यात्री फाहयान की यात्रा 415 : कुमार गुप्त-1 का राज्याभिषेक 455 : स्कंदगुप्त का राज्याभिषेक 606-647 : हर्षवर्धन का शासन 712 : सिंध पर पहला अरब आक्रमण836 : कन्नौज के भोज राजा का राज्याभिषेक 985 : चोल शासक राजाराज का राज्याभिषेक 998 : सुल्तान महमूद का राज्याभिषेक 1000 से 1499 1001 : महमूद गजनी द्वारा भारत पर पहला आक्रमण, जिसने पंजाब के शासक जयपाल को हराया था 1025 : महमूद गजनी द्वारा सोमनाथ मंदिर का व...
फरवरी में हर चौथे साल 29 दिन होने का वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा पूरा करने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है और हर साल के यह अतिरिक्त 6 घंटे बचाकर रख दिए जाते हैं। तीन सालों के बाद अगले साल में यह घंटे जोड दिए जाते हैं और इस तरह फरवरी को एक अतिरिक्त दिन मिल जाता है। परंतु हमारा मुद्दा है कि फरवरी 28 दिन का क्यों होता है? क्यों नहीं अन्य कोई महीना 28 दिन का रखा गया? जवाब यह है कि इसमें रोमन लोगों का हाथ है। हम अभी जिस कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं वह काफी कुछ रोमन लोगों के बहुत पुराने और समझने में मुश्किल कैलेंडर पर आधारित है। हालांकि इस बात के सबूत ढूंढ पाना मुश्किल है परंतु ऐसी कई कहानियां सदियों से प्रचलित हैं जिनके अनुसार रोम के पहले शासक रोमुलुस के समय में ऐसा कैलेंडर था जो मार्च से शुरू होकर दिसंबर पर खत्म होता था। इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस समय दिसंबर की समाप्ति और मार्च के पहले के समय को कैसे गिना जाता था परंतु यहां सर्दी के मौसम में कृषि न हो पाने की वजह से इस समय का रोमन लोगों के लिए कोई महत्व नहीं था और इसे कैलेंडर का हिस्सा बनाना उन...
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