25 Amazing Ancient Indian Inventions That Changed The World Today. 1. The number system was invented in India. Aryabhatta invented Zero 2. India established world’s first university in Takshila in 700BC. Nalanda University was established in 4th century BC 3. Algebra, Trigonometry, Geometry and Calculus originated from India Source: 4. Most of the European languages are originated from Sanskrit Source: 5. Ayurveda, one of the oldest school of medicines was invented in India 6. Binary number system used in computers and digital devices was invented in India 7. The value of ‘pi’ was first discovered in India by Budhayana. He also explained the concept of what is known as the Pythagorean Theorem in the 6th century, ages before the European Mathematicians 8. Bhaskaracharya calculated the time taken by the earth to orbit the sun in the 5th century, many years before the ast...
"अवसर की मूर्ति" बहुत समय पहले, लगभग उस समय, जब सिकन्दर महान् सम्पूर्ण दुनिया को जीतने निकला था, लिसिपस नाम का एक बहुत ही प्रख्यात मूर्तिकार हुआ, जिसने “ अवसर ” को एक मूर्ति के रूप में निरूपित किया और उसी मूर्ति की वजह से उसका नाम इतिहास में दर्ज हो गया। लिसिपस ने सम्भवत: उस मूर्ति का नाम “ अवसर की मूर्ति ” (Statue of Opportunity) रखा था। हालांकि उस समय आज जैसी Modern Technologies उपलब्ध नहीं थीं, इसलिए लिसिपस की उस मूर्ति या उसके चित्र को संजोकर, सम्भालकर नहीं रखा जा सका, लेकिन इतिहासकारों का कहना है कि कैलिस्ट्राटस नाम के एक व्यक्ति ने उस “अवसर की मूर्ति” के चित्र को देखा था और उसका वर्णन कुछ इस तरह से किया था- “ अवसर की मूर्ति ” एक अवसर को प्रतिबिम्बित करती है जिसमें एक बहुत ही सुन्दर युवक पर चढती जवानी का वसन्त छाया हुआ है। उसका माथा अन...
फरवरी में हर चौथे साल 29 दिन होने का वैज्ञानिक कारण यह है कि पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा पूरा करने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है और हर साल के यह अतिरिक्त 6 घंटे बचाकर रख दिए जाते हैं। तीन सालों के बाद अगले साल में यह घंटे जोड दिए जाते हैं और इस तरह फरवरी को एक अतिरिक्त दिन मिल जाता है। परंतु हमारा मुद्दा है कि फरवरी 28 दिन का क्यों होता है? क्यों नहीं अन्य कोई महीना 28 दिन का रखा गया? जवाब यह है कि इसमें रोमन लोगों का हाथ है। हम अभी जिस कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं वह काफी कुछ रोमन लोगों के बहुत पुराने और समझने में मुश्किल कैलेंडर पर आधारित है। हालांकि इस बात के सबूत ढूंढ पाना मुश्किल है परंतु ऐसी कई कहानियां सदियों से प्रचलित हैं जिनके अनुसार रोम के पहले शासक रोमुलुस के समय में ऐसा कैलेंडर था जो मार्च से शुरू होकर दिसंबर पर खत्म होता था। इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि इस समय दिसंबर की समाप्ति और मार्च के पहले के समय को कैसे गिना जाता था परंतु यहां सर्दी के मौसम में कृषि न हो पाने की वजह से इस समय का रोमन लोगों के लिए कोई महत्व नहीं था और इसे कैलेंडर का हिस्सा बनाना उन...
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